डरने का कारण

डरने का कारण : -

मैं विक्की वर्मा  आज एक ऐसे विषय पर बात करने वाला हूं जो कोई भी व्यक्ति हो या बच्चा सभी के साथ यह होता ही होता है जो किसी भी व्यक्ति को किसी भी काम को पूर्ण करने से रोकती है इस भय को डर कहते हैं!

डर भी कई प्रकार के होते है!
पढाई के डर

जीवन में सक्सेस   की ओर आगे बढ़ते जाना एक प्रगतिशील व्यक्ति (Progressive person) की पहचान होती है। लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के सफलता के रास्ते में एक ऐसा दानव जरूर आता है जो उसकी इस प्रगति को रोकने की पूरी कोशिश करता है, उस दानव का नाम है– डर (FEAR).

यह ऐसा दानव है , जिसे यदि सही समय पर न रोका गया तो यह सक्सेस होने की प्रत्येक संभावना को पूरी तरह रोक देता है।

"सपना वोह नहीं जो नींद में देखे जाते हैं, सपने वोह जो हमे सोने नहीं देता" !


जैसा कि हमने  जाना डर एक प्रकार का भय होता है जो हमारे मस्तिष्क में एक मृगतृष्णा बनाता है जो कभी सच नहीं होता है। जिस प्रकार रेगिस्तान में पानी का दिखना कभी सच नहीं होता उसी प्रकार डर भी कभी सच नहीं होता है।

डर एक प्रकार का मृगतृष्णा (Mirage) होता हैं!


डर क्या है? (What is Fear)

डर एक ऐसा झूठ है, जो हमें सच जैसा लगता है। असल में डर का कोई वजूद होता ही नहीं है, वह केवल हमारे Mind द्वारा बनाया गया एक ऐसा झूठ (False) होता है जो हमें सच (Truth) लगता है लेकिन Real में वह कभी सच होता ही नहीं है।

Fear एक 100% Imaginary Thing (काल्पनिक चीज) है जिसका Real Life से कोई भी लेनादेना नहीं होता।


इंसान को सबसे ज्यादा डर, खुद से लगता है कि कहीं वो खुद से न हार जाए |


प्रतिदिन हम लोगों  से सुनते हैं और हमने पढ़ा भी है कि हम जैसा सोचते हैं हमारा मस्तिष्क वैसे ही कार्य करता है दिन पर दिन हम वैसे ही बनते जाते हैं।

उदाहरण  के लिए जब हम आधी रात में उठते हैं तो हमारे मन में भय रहता है इस कारण हमें लगता है कि वहां कोई है लेकिन होता नहीं है तो जब तक हमारे जीवन में नकारात्मक विचारे रहेगी, हमारे जीवन में ये भय बना रहेगा। इसका कारण नकारात्मकता है।


अगर आप खुद की आलोचना सुनना नहीं चाहते, तो कभी भी कुछ भी नया न करें|


अब सोचने वाली बात यह है, कि जो चीज रियल में होती ही नहीं है उससे हम इतना परेशान क्यों होते हैं। तो अपने दिमाग से अब यह तो निकाल दीजिये कि डर आपका कुछ बिगाड़ सकता है। जो चीज रियल में होती ही नहीं है वह आपका कुछ भी नुकसान कर ही नहीं सकती।

हमारे  mind में जितने भी डर होते हैं,
, वह कहीं न कहीं से आये हुए होते हैं। अधिकतर डर हमें अपने घर से या रिश्तेदारों से ही मिलते हैं- यह मत करो, इससे ऐसा हो जायेगा। वह काम करोगे तो इससे यह नुकसान होगा आदि बहुत सी बातें हमें बचपन से सिखाई जाती हैं जिनसे धीरे धीरे हमारे अंदर डर या भय बैठने लगता है जबकि रियल में ऐसा कुछ नहीं होता।



डर एक  Imaginary Thing है लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि हमें FEAR और DANGER में अंतर को भी समझना होगा– “आग में हाथ डालने से हमें डर लगता है” क्योंकि यह danger है, ऐसा होना सही है। लेकिन यह डर कि “कहीं मैं भविष्य में असफल न हो जाऊं” यह Imaginary Thing है, इसमें कोई भी वास्तविकता (Reality) नहीं है।

जिंदगी की सबसे बड़ी जोखिम, कोई भी “जोखिम न लेना” हैं |


अब हम  यह तो जान गए कि डर या भय वास्तविक नहीं होता। और जब यह real होता ही नहीं है तो डर पर विजय भी बहुत आसानी से प्राप्त की जा सकती है। बड़े से बड़ा लक्ष्य (Goal) आप हासिल कर सकते हैं। ध्यान रखिये कि,

   “कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं, जीता वही जो डरा नहीं।”

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